अध्यक्षीय-सन्देशः

श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार प्राचीन संस्कृत के शास्त्रों के पठन-पाठन का उत्तम केन्द्र है। यह महाविद्यालय स्थापना काल से ही विख्यात रहा है। यहाँ के प्राध्यापकों और छात्रों के वैदुष्य को सभी जानते है। यहाँ के छात्र अध्ययन, क्रीडा के अतिरिक्त अन्य अनेक प्रतियोगिताओं में सदैव आगे रहे हैं। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के माननीय कुलपति जी द्वारा मुझे इस महाविद्यालय का अध्यक्ष मनोनित करना मेरे लिये गौरव का विषय है। मेरा सदैव यही प्रयास रहता है कि यह महाविद्यालय निरन्तर उन्नति करें। महाविद्यालय के प्राध्यापकों और छात्रों को अध्ययन-अध्यापन का सुन्दर वातावरण प्राप्त हो। महाविद्यालय के सुचारु संचालन में कोई बाधा न हो। मेरे द्वारा महाविद्यालय की उन्नति के लिये जो कुछ भी किसी भी स्तर से किया जा सकता है, उसके लिये मै हमेशा प्रयासरत हूँ। मेरा एक ही कथन है कि महाविद्यालय के प्राध्यापक परिश्रम पूर्वक पढाकर योग्य छात्रों का निर्माण करें। छात्र भी परिश्रम कर योग्यता को प्राप्त कर संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिये कार्य करें। महाविद्यालय, प्रान्त तथा देश का गौरव बढाये।

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