डी.एम.के. पार्टी के सांसद दयानिधि मारन के संस्कृत विरोधी वक्तव्य के विरोध में
श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्रों का विरोध प्रदर्शन एवं लोकसभा अध्यक्ष द्वारा संस्कृत का प्रोत्साहन करने पर सराहना
हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्रों ने डी.एम.के. (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) पार्टी के सांसद श्री दयानिधि मारन के दिनांक 11/02/2025 को लोकसभा में संस्कृत विरोधी वक्तव्य के विरुद्ध रोष व्यक्त करते हुए; विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करने वाले अध्यापक एवं छात्रों ने बताया कि लोकसभा सांसद श्री दयानिधि मारन के द्वारा संस्कृत भाषा के विरुद्ध दिए गए वक्तव्य कि हम कठोर निन्दा करते हैं। उन्होंने संसद की कार्यवाही के संस्कृत में रूपान्तरण का विरोध करते हुए उसके औचित्य पर प्रश्न उठाया है। उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि संस्कृत भाषा भारत की धरोहर है। संस्कृत का विरोध करना भारतीय संस्कृति परम्परा एवं सभ्यता का विरोध करना है। संस्कृत से ही समस्त भाषाओं की उत्पत्ति हुई है। उनके द्वारा संस्कृत का विरोध करना भारत विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। हम माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी द्वारा संस्कृत के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना करते हैं। उन्होंने तत्काल संसद की कार्यवाही को संस्कृत में रूपान्तरण करने का आदेश दिया। विरोध प्रदर्शन करते हुए प्राध्यापक एवं छात्र महाविद्यालय के बैनर के साथ हाथों में संस्कृत भाषा में लिखी पट्टिकाएँ और संस्कृत भाषा के गौरव का गुणगान करते हुए महाविद्यालय से तहसील परिसर के सामने होते हुए शङ्कर आश्रम चौराहे पहुँचे। वहाँ डी.एम.के. पार्टी के सांसद दयानिधि मारन का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोधकर्त्ताओं ने कहा कि दयानिधि मारन को अपना वक्तव्य वापिस लेना चाहिए। संस्कृत भाषा की अस्मिता पर जो कोई भी प्रश्नचिह्न लगायेगा, हम उन सबका हमेशा विरोध करेंगे। संस्कृत भाषा में भारत की आत्मा वास करती है। संस्कृत विरोधियों को सोचना चाहिये कि आप किस धरा पर वास करते हो?
