श्रीभगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में “दीक्षारम्भ कार्यक्रम” का हुआ शुभारम्भ

      हरिद्वार। आज दिनाङ्क 01/08/2025 को श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में सत्र 2025-26 हेतु दीक्षारम्भ कार्यक्रम का उद्धाटन हुआ, जिसमें केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सम्मान्य कुलपति महोदय श्री श्रीनिवास वरखेडी जी ने सभी संस्थानों में नवप्रविष्ट छात्र-छात्राओं को मुख्य उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में विनम्रता का गुण अवश्य होना चाहिए। यदि छात्र अपने जीवन को सफल बनाना चाहते हैं तो उन्हें मनोयोग से विद्या अर्जित करनी चाहिए। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को शास्त्र की शिक्षा के साथ साथ तकनिकी व आधुनिक विषयों की शिक्षा देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों को नवोन्मेष एवं नवाचार का उपयोग करते हुए छात्रों को कुशल बनाने का प्रयास करना चाहिए। संस्कृत का उत्थान तभी होगा, जब शैक्षणिक संस्थान योग्य छात्रों का निर्माण करेंगे। अब संस्कृत को जनमानस तक पहुंचाने का अवसर आ गया है। इस अवसर पर तत्सम्बन्धित सभी परिसरों, आदर्श महाविद्यालयों, सम्बद्ध महाविद्यालयों, सम्बद्ध विभिन्न शोध संस्थानों से विविध पदाधिकारी, आचार्यगण, तथा छात्र/छात्राएँ उपस्थित रहे। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय परिवार ने अपने नवप्रविष्ट तथा अध्यनरत पूर्व छात्रों के साथ मनोयोग से भाग लिया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव जी ने सभी छात्र-छात्राओं को सन्मार्ग पर चलते हुए विद्यारम्भ हेतु शुभकामना प्रदान की।

      इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. निरञ्जन मिश्र, डॉ. मञ्जु पटेल, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. आलोक सेमवाल, डॉ. अङ्कुर कुमार आर्य, श्री शिवदेव आर्य, डॉ. सुमन्त कुमार सिंह, डॉ. प्रमेश कुमार बिजल्वाण, डॉ. अंकुल कर्णवाल, श्री आदित्य सुतार, श्री एम. नरेश भट्ट, श्री विवेक शुक्ला, योग प्रशिक्षक श्री मनोज कुमार गिरि, श्री अतुल मैखुरी सहित महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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