उत्तराखण्ड : जहाँ संस्कृत-संस्कृति और प्रकृति साथ-साथ चलती हैं – डॉ. आलोक सेमवाल

     हरिद्वार। आज श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार में गत दिवसों से अलग-अलग सत्रों में सञ्चाल्यमान में संस्कृतसप्ताह कार्यक्रम एवं नवीन प्रविष्ट छात्रों के चहुँमुखी विकास हेतु दीक्षारम्भ के क्रम में दिनाङ्क – 08/08/2025 के प्रथम सत्र में महाविद्यालय के नवप्रविष्ट छात्र-छात्राओं ने प्रतिदिन की भाँति प्रातःकाल योगाभ्यास किया। तदोपरान्त वेदान्तविभाग के अतिथि सहायकाचार्य डॉ. आलोक सेमवाल ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा निर्दिष्ट ‘स्वनगर परिचय’ विषयान्तर्गत उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक, भौगोलिक एवं ऐतिहासिक विषयों पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में साहित्यविभाग के अतिथि सहायकाचार्य डॉ. सुमन्त कुमार सिंह ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना काल से लेकर अद्यावधि पर्यन्त समस्त सम्बद्ध परिसरों, सम्बद्ध आदर्श महाविद्यालयों, आदर्श शोधसंस्थानों का परिचय कराया, विश्वविद्यालय द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु किये जा रहे कार्यों से छात्रों को अवगत कराया तथा छात्रों के समक्ष सस्वर कुलगीत भी प्रस्तुत किया।

वहीं संस्कृत सप्ताह के द्वितीय सत्र में राजकीय महाविद्यालय भोपाल के अवकाश प्राप्त आचार्य डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डेय ने “भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत” विषय पर आनलाईन माध्यम से छात्रों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. निरञ्जन मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन तथा श्री आदित्य प्रकाश सुतार ने दोनों सत्रों का सञ्चालन किया। अन्त में महविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. व्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने सभी छात्र-छात्राओं को नवीन पथ पर अग्रसर हेतु शुभकामनाएं प्रदान की।

इस अवसर पर महाविद्यालय की हिन्दी प्राध्यापिका डॉ. मञ्जु पटेल, व्याकरण विभागाध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र कुमार, आधुनिकविषय विभाग प्रमुख डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. अङ्कुर कुमार आर्य, श्री शिवदेव आर्य, श्री नरेश भट्ट, डॉ. प्रमेश कुमार बिजल्वाण, डॉ. अंकुल कर्णवाल योगप्रशिक्षक श्री अतुल मैखुरी सहित महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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