डॉ. आशिमा श्रवण को मिला भारत प्रतिभा सम्मान

                  हरिद्वार। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से सम्बद्ध श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार के आधुनिक विषय विभाग की प्रमुख डॉ. आशिमा श्रवण को नई दिल्ली के भरत मण्डप में भारत प्रतिभा सम्मान परिषद् द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में भारत प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके शैक्षणिक कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रदान किया गया। यह पुरस्कार भारत के 37वें मुख्य न्यायधीश श्री के. जी. बालकृष्णन् के कर कमलों से प्राप्त हुआ है। सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं का चयन देश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों का किया गया था। इस सम्मान के लिये चयन एक विशेषज्ञ समिति के द्वारा किया जाता है।

                  महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी. के. सिंहदेव ने बताया कि डॉ. आशिमा श्रवण ने विगत वर्षों में भारतीय ज्ञान परम्परा के क्षेत्र में अनेक सम्मेलनों के आयोजन व शोध पत्रों के प्रकाशन से अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है। महाविद्यालय के लिये अत्यन्त गौरव का विषय है कि डॉ. आशिमा श्रवण अंग्रेजी विषय में नियुक्त होने के बाद भी संस्कृत की पुरातन ज्ञान-विज्ञान परम्परा को देश विदेश में प्रसारित कर रही हैं। भारत की पुरातन ज्ञान-विज्ञान परम्परा की विरासत उन्हें उनके परिवार से मिली है। भारत प्रतिभा सम्मान से उनका सम्मानित होना हमारे लिये गौरव का विषय है। इस अवसर पर डॉ. निरञ्जन मिश्र, डॉ. मञ्जु पटेल, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. आलोक कुमार सेमवाल, डॉ. दीपक कुमार कोठारी, श्री विवेक शुक्ला, डॉ. प्रमेश कुमार बिजल्वाण, श्री अतुल मैखुरी, श्री मनोज कुमार गिरि, डॉ. अङ्कुर कुमार आर्य, श्री जगदीशचन्द्र, श्रीमती स्वाति शर्मा आदि के साथ-साथ महाविद्यालय के अन्य कर्मचारियों ने भी अपनी शुभकामनाएँ प्रदान की।

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